हमारे देश की शांति भंग ना हो इसके भारतीय सेना युद्ध के लिए तैयार रहे-राजनाथ सिंह
ऐसा कहने के पीछे मकसद यह है कि हमारी शांति न भंग होने पाए। रक्षा मंत्री ने संयुक्त कमांडर सम्मेलन में कल कहा था कि भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है और शांति बनाए रखने के लिए सशस्त्र बलों को युद्ध के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है। उन्होंने संयुक्त सेना का विजन विकसित करने और भविष्य के युद्धों में देश के सामने आने वाली चुनौतियों के लिए तैयारी करने के महत्व पर जोर दिया, साथ ही उकसावे की घटनाओं पर समन्वित, त्वरित और उचित कार्रवाई करने पर जोर दिया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को यहां कहा कि देश और दुनिया में शांति कायम रखने के लिए ही उन्होंने सेना से युद्ध के लिए तैयार रहने के लिए कहा है।राजनाथ सिंह ने गुरुवार को प्रथम संयुक्त कमांडर सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कहा था कि सशस्त्र बलों को युद्ध के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है।इस संबंध में उन्होंने आज स्पष्ट किया, भारत दुनिया का एकमात्र देश है जिसने वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश दिया है। भारत ने हमेशा शांति की वकालत की है। लेकिन आज की भू-राजनीतिक स्थिति को देखते हुए मैंने सेना से कहा कि भारत और दुनिया में शांति बनाए रखने के लिए हमें हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए। ऐसा कहने के पीछे मकसद यह है कि हमारी शांति न भंग होने पाए। रक्षा मंत्री ने संयुक्त कमांडर सम्मेलन में कल कहा था कि भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है और शांति बनाए रखने के लिए सशस्त्र बलों को युद्ध के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है। उन्होंने संयुक्त सेना का विजन विकसित करने और भविष्य के युद्धों में देश के सामने आने वाली चुनौतियों के लिए तैयारी करने के महत्व पर जोर दिया, साथ ही उकसावे की घटनाओं पर समन्वित, त्वरित और उचित कार्रवाई करने पर जोर दिया।
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