बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री राजनीतिक लोगो के एजेंट-शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती

हिंदू-हिंदू भाई-भाई' यानी जात पात से बट रहे हैं. यही उनका भी नारा है बटोगे तो कटोगे.आगे कहा कि, आंदोलन इसके लिए होना चाहिये कि वर्णाश्रम को मानते हुए किसी को नीचा दिखाने का काम नहीं करेंगे. लेकिन जात-पात की विदाई कर देंगे तो हमारी पहचान ही खत्म हो जाएगी. जब हमारी पहचान नष्ट हो जाएगी तो हम कैसे सनातनी रहेंगे. उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री की यात्रा को राजनीतिक खेल बताया है. बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री राजनीतिक लोगो के एजेंट-शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती

Nov 27, 2024 - 17:17
बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री राजनीतिक लोगो के एजेंट-शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती

बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों सनातन हिंदू एकता रैली निकाल रहे हैं. धीरेंद्र शास्त्री की पदयात्रा इनदिनों उत्तर प्रदेश के झांसी में है. बागेश्वर बाबा द्वारा निकाली हिंदू एकता रैली पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने नाराजगी जताई है. अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि, जातियों में न जनता न बटे और एक मुश्त जनता हमको वोट देती रहे, यहां के नेताओं की यह भावना है और उस भावना को जनता के बीच ले जाने के लिए नेताओं ने धीरेंद्र शास्त्री को मोहरा बनाया है.धीरेंद्र शास्त्री की सनातन यात्रा पर बोलते हुए अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि, सनातन यात्रा में वो नारा लगा रहे हैं, 'जात-पात की करो विदाई, हिंदू-हिंदू भाई-भाई', राजनीतिक शक्ति के एजेंट के रूप में धीरेंद्र शास्त्री काम कर रहे हैं. ये जो सनातनी कहकर आए हैं, राजनीति का एजेंडा जनता के बीच में ले जाने के लिए उतारे गए हैं. ये राजनीतिक खेल है और इसका सनातन धर्म से कोई लेना देना नहीं है. 'बटोगे तो कटोगे' पर बोलते हुए अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि, बटोगे मतलब जातियो में मत बटो, जातियो में हिंदू जनता न बटे और एक मुश्त वोट देती रहे, ये जो यहां के नेताओं की भावना है, उसे जनता के बीच ले जाने के लिए धीरेंद्र शास्त्री को मोहरा बनाया जा रहा है. सनातन यात्रा में नारा लगाया जा रहा है 'जात-पात की करो विदाई, हिंदू-हिंदू भाई-भाई' यानी जात पात से बट रहे हैं. यही उनका भी नारा है बटोगे तो कटोगे.आगे कहा कि, आंदोलन इसके लिए होना चाहिये कि वर्णाश्रम को मानते हुए किसी को नीचा दिखाने का काम नहीं करेंगे. लेकिन जात-पात की विदाई कर देंगे तो हमारी पहचान ही खत्म हो जाएगी. जब हमारी पहचान नष्ट हो जाएगी तो हम कैसे सनातनी रहेंगे. उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री की यात्रा को राजनीतिक खेल बताया है. बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री राजनीतिक लोगो के एजेंट-शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती

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