हिमाचल के गांव वालों का मानना है कि अगर महिलाएं कपड़े पहनेंगी तो आज भी राक्षस उन्‍हें उठाकर ले जाएंगे! रहती है पांच दिन निवस्त्र

कहा जाता है कि इस परंपरा का पालन नहीं करने वाली महिला को कुछ ही दिन में कोई बुरी खबर सुनने को मिलती है. इस दौरान पूरे गांव में पति-पत्‍नी एक-दूसरे से दूर रहते हैं. वो आपस में बातचीत तक नहीं करते हैं. वे अपनी पत्‍नी की तरफ देखकर मुस्‍करा भी नहीं सकते हैं. वहां के लोगों का मानना है कि अगर किसी पुरुष ने पंरपरा को सही से नहीं निभाया तो देवता नाराज हो जाएंगे.

Oct 4, 2024 - 15:11
Oct 4, 2024 - 15:12
हिमाचल के गांव वालों का मानना है कि अगर महिलाएं कपड़े पहनेंगी तो आज भी राक्षस उन्‍हें उठाकर ले जाएंगे! रहती है पांच दिन निवस्त्र

भारत में अलग-अलग जगहों पर बेहद विचित्र परंपराएं देखने को मिलती हैं. जिनके बार में अक्सर हमें पता तक नहीं होता है. कुछ तो ऐसी होती हैं जो हमें हैरान कर देती हैं. ऐसी ही एक अजीब परंपरा भारत के एक गांव में देखने को मिलती है. जहां महिलाएं 5 दिन बिना कपड़ों के रहती हैं. यहां तक की पीरियड आने पर भी उन्हें सिर्फ ऊन से बने बेल्ट को बांधने की इजाजत दी जाती है. यहां के पुरुष भी इन 5 दिनों तक खुद पर पूर कंट्रोल करते हैं. इस दौरान वो किसी महिला की तरफ देखते तक नहीं है. इसके अलावा वो इन दिनों मांस, शराब जैसी चीजों को हाथ तक नहीं लगाते हैं. ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से उन लोगों का भविष्य अच्छा रहता है. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से. 
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश की मणिकर्ण घाटी के पिणी गांव में ये परंपरा निभाई जाती है. हर साल सावन में ऐसा होता है. कहा जाता है कि इस परंपरा का पालन नहीं करने वाली महिला को कुछ ही दिन में कोई बुरी खबर सुनने को मिलती है. इस दौरान पूरे गांव में पति-पत्‍नी एक-दूसरे से दूर रहते हैं. वो आपस में बातचीत तक नहीं करते हैं. वे अपनी पत्‍नी की तरफ देखकर मुस्‍करा भी नहीं सकते हैं. वहां के लोगों का मानना है कि अगर किसी पुरुष ने पंरपरा को सही से नहीं निभाया तो देवता नाराज हो जाएंगे.  क्रोधित देवता उनका कुछ ना कुछ नुकसान भी कर देंगे. गांव के लोगों का कहना है कि बहुत समय पहले इस गांव में राक्षसों ने बहुत आतंक मचाया था. उस समय  ‘लाहुआ घोंड’ नाम के एक देवता पिणी गांव आए. उन्होंने राक्षस का वध किया. लोगों का मानना है कि वो राक्षस गांव की सुंदर कपड़े पहनने वाली शादीशुदा महिलाओं को उठाकर ले जाते थे. जब देवता और राक्षस के बीच युद्ध चला तब 5 दिन महिलाओं ने कपड़े नहीं पहने थे. तभी से ये परंपरा चली आ रही है. गांव वालों का मानना है कि अगर महिलाएं कपड़ों में सुंदर दिखेंगी तो आज भी राक्षस उन्‍हें उठाकर ले जाएंगे. 

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