10 विधानसभा सीटो पर उपचुनाव पर तैनात प्रभारी मंत्रियों के काम काज से खुश नही योगी! गुटबंदी को लेकर सख्त कदम उठाने की तैयारी! कईंयो का संगठन से कटेगा पत्ता
संजीव शर्मा की रिपोर्ट - Oct 03, 2024, 03:50 PM -- केन्द्र में बैठे बहुत से भाजपाई इसी ताक में है कि योगी से चूक हो और कब उन्हें घेरा जाए। इन्ही सब को देखते हुए योगी ने प्रभारियों को सख्त निर्देश दिए है कि अगर कोई भी चूक होती है या कोई भी प्रभारी गुटबंदी में लिप्त मिलता है तो उस पर उसी समय एक्शन लिया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि जल्द ही बहुत से विभागों में फेरबदल होने वाली है।
संजीव शर्मा की रिपोर्ट - Oct 03, 2024, 03:50 PM -
लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद अब विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तैयारियों को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को नए सिरे से अपने मंत्रियों को जिलों की जिम्मेदारी सौंपी। 75 में से 73 जिलों के मंत्रियों के प्रभार बदले गए हैं। सिर्फ पीलीभीत व मीरजापुर के प्रभारी मंत्री नहीं बदले गए हैं। मुख्यमंत्री व दोनों उप मुख्यमंत्रियों के पास 25-25 जिलों की समीक्षा की जिम्मेदारी रहेगी। इसमें चार-चार माह के बाद रोटेशन के आधार पर जिलों का प्रभार बदलता रहेगा। लेकिन सूत्रों के हवाले से खबर आई है उनके कामकाज से योगी खुश नही है। योगी को लगातार गुटबंदी की खबरे मिल रही है। योगी जानते है कि इस गुटबंदी का खामियाजा पहले ही पार्टी लोकसभा चुनाव में भारी भरकम कीमत से उठा चुकी है। अब इन उपचुनाव पर योगी की स्वयं की प्रतिष्ठा पर दांव लगी है। केन्द्र में बैठे बहुत से भाजपाई इसी ताक में है कि योगी से चूक हो और कब उन्हें घेरा जाए। इन्ही सब को देखते हुए योगी ने प्रभारियों को सख्त निर्देश दिए है कि अगर कोई भी चूक होती है या कोई भी प्रभारी गुटबंदी में लिप्त मिलता है तो उस पर उसी समय एक्शन लिया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि जल्द ही बहुत से विभागों में फेरबदल होने वाली है।
नितिन अग्रवाल राज्य मंत्री (19) मयंकेश्वर सिंह |
लखीमपुर खीरी- श्रावस्ती जिला सीतापुर
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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभारी मंत्री हर माह कम से कम 24 घंटे अपने प्रभार वाले जिलों में जरूर रहेंगे। वहां के प्रबुद्ध नागरिक, धर्माचार्यों, प्रगतिशील किसानों, व्यापारिक संगठनों सहित सामाजिक नेताओं के समूहों में से किसी एक के साथ बैठक अवश्य करेंगे। शासन से संबंधित मुद्दों को प्रभारी मंत्री कोर कमेटी से चर्चा करके प्रत्येक माह संबंधित विभाग व मुख्यमंत्री कार्यालय के सामने विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिले की समीक्षा बैठक में जन शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित किया जाए। कानून व सुरक्षा संबंधी विषयों, राजस्व विभाग से जुड़े हुए विषयों को जैसे वरासत, पैमाइश, नामांतरण, लैंड यूज सहित आईजीआरएस, सीएम हेल्पलाइन आदि की समीक्षा कर मेरिट के आधार पर निस्तारण कराएं।
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