मानसून विदाई के वक्त भी आखिरकार क्यूं मेहरबान है दिल्ली में मानसून?
उससे पहले, 2022 में IMD ने 30 सितंबर को ऐलान किया था कि पंजाब, चंडीगढ़ दिल्ली, जम्मू और कश्मीर के कुछ हिस्सों, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान से मॉनसून लौट चुका है. हालांकि, उसके बाद भी बारिश जारी रही थी. तब एक्सपर्ट्स ने कहा था कि IMD ने समय से पहले मॉनसून के चले जाने की घोषणा कर दी थी. दक्षिण-पश्चिम मॉनसून आमतौर पर एक जून तक केरल में दाखिल होता है और आठ जुलाई तक पूरे देश में पहुंच जाता है. यह 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से पीछे हटना शुरू होता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है.
पिछले दो दिन से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने एसी-कूलर बंद करा दिए हैं. दिल्ली में गुरुवार को सितंबर महीने में दो साल का सबसे कम अधिकतम तापमान दर्ज हुआ. यह सब मॉनसून की कारस्तानी है. इस बार का दक्षिण-पश्चिम मॉनसून पिछले कई सालों का सबसे ताकतवर मॉनसून साबित हुआ है. वैसे तो यह मॉनसून के विदा होने की बेला है, लेकिन जाने से पहले वह दिल्ली-NCR पर मेहरबान हुआ तो उसके पीछे एक अलग कहानी है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने गुरुवार को मॉनसून 2024 की विदाई पर अपडेट दिया. आईएमडी के मुताबिक, उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ इलाकों से मॉनसून 22 सितंबर से वापसी शुरू करेगा. अगर ऐसा होता है, तो यह 8 साल में उत्तर-पश्चिम भारत से मॉनसून की वापसी का सबसे जल्दी समय होगा. पिछले साल, मॉनसून 25 सितंबर के आसपास ही लौटना शुरू हुआ था.उससे पहले, 2022 में IMD ने 30 सितंबर को ऐलान किया था कि पंजाब, चंडीगढ़ दिल्ली, जम्मू और कश्मीर के कुछ हिस्सों, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान से मॉनसून लौट चुका है. हालांकि, उसके बाद भी बारिश जारी रही थी. तब एक्सपर्ट्स ने कहा था कि IMD ने समय से पहले मॉनसून के चले जाने की घोषणा कर दी थी. दक्षिण-पश्चिम मॉनसून आमतौर पर एक जून तक केरल में दाखिल होता है और आठ जुलाई तक पूरे देश में पहुंच जाता है. यह 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से पीछे हटना शुरू होता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है.
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