बाबा के बुलडोजर पर सुप्रीम कोर्ट का कड़ा फरमान! आरोपी एक तो पूरे परिवार को सजा क्यों

सुप्रीम कोर्ट के बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन के पीठ ने सुनाया फैसला.अपने फैसले में जस्टिस गवई ने कहा कि किसी का घर उसकी उम्मीद होती है.हर किसी का सपना होता है कि उसका आश्रय कभी न छिने. हर आदमी की उम्मीद होती है कि उसके पास आश्रय हो. हमारे सामने सवाल यह है कि क्या कार्यपालिका किसी ऐसे व्यक्ति का आश्रय छीन सकती है जिस पर अपराध का आरोप है. अदालत ने कहा कि किसी आरोपी का घर सिर्फ इसलिए नहीं गिराया जा सकता क्योंकि उस पर किसी अपराध का आरोप है.

Nov 13, 2024 - 13:29
बाबा के बुलडोजर पर सुप्रीम कोर्ट का कड़ा फरमान! आरोपी एक तो पूरे परिवार को सजा क्यों

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बुलडोजर न्याय पर बड़ा फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर से लोगों के घर गिराए जाने को असंवैधानिक बताया है. अदालत ने कहा कि यदि कार्यपालिका किसी व्यक्ति का मकान केवल इस आधार पर गिरा देती है कि वह अभियुक्त है, तो यह कानून के शासन का उल्लंघन है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा की यहां तक कि गंभीर अपराधों के आरोपी और दोषी के खिलाफ भी बुलडोजर की कार्रवाई बिना नियम का पालन किए नहीं की जा सकती. कोर्ट ने कहा कानून का शासन,नागरिकों के अधिकार और प्राकृतिक न्याय का सिद्धांत आवश्यक शर्त है.अगर किसी संपत्ति को केवल इसलिए ध्वस्त कर दिया जाता है क्योंकि व्यक्ति पर आरोप लगाया गया है तो यह पूरी तरह से असंवैधानिक है. किसी एक की गलती की सजा पूरे परिवार को नहीं दे सकते आरोपी एक तो पूरे परिवार को सजा क्यों?गलत तरीके से घर तोड़ने पर मुआवजा मिलेसत्ता का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं किया जा सकताबुलडोजर ऐक्शन पक्षपातपूर्ण नहीं हो सकता हैबुलडोजर की मनमानी पर अधिकारियों को नहीं बख्शेंगेघर तोड़ने की हालत में संबंधित पक्ष को समय मिलेकिसी अपराध की सजा देने अदालत का काम हैबिना फैसले के किसी को भी दोषी न माना जाएरजिस्टर्ड पोस्ट से नोटिस भेजें, 15 दिन का वक्त मिले
सुप्रीम कोर्ट ने कहा क्या है
सुप्रीम कोर्ट के बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन के पीठ ने सुनाया फैसला.अपने फैसले में जस्टिस गवई ने कहा कि किसी का घर उसकी उम्मीद होती है.हर किसी का सपना होता है कि उसका आश्रय कभी न छिने. हर आदमी की उम्मीद होती है कि उसके पास आश्रय हो. हमारे सामने सवाल यह है कि क्या कार्यपालिका किसी ऐसे व्यक्ति का आश्रय छीन सकती है जिस पर अपराध का आरोप है. अदालत ने कहा कि किसी आरोपी का घर सिर्फ इसलिए नहीं गिराया जा सकता क्योंकि उस पर किसी अपराध का आरोप है.उन्होंने कहा कि आरोपों पर सच्चाई का फैसला सिर्फ न्यायपालिका ही करेगी. बाबा के बुलडोजर पर सुप्रीम कोर्ट का कड़ा फरमान! आरोपी एक तो पूरे परिवार को सजा क्यों

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