दिल्ली को तेज गड़गड़ाहट भूकंप ने हिला कर रख दिया! भूकंप कुछ सेकेंड या मिनट रुक गया तो क्या दिल्ली में हो जाती भारी तबाही?
भूकंप का केंद्र वह बिंदु होता है जहां से भूकंप की ऊर्जा निकलती है. यह बिंदु जमीन के नीचे होता है, इसे एपिसेंटर कहा जाता है. एपिसेंटर के ठीक ऊपर जमीन पर स्थित बिंदु को भूकंप का केंद्र कहा जाता है. 2023 में भी दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. तब भी भूकंप का केंद्र दिल्ली में ही था. दिल्ली भूकंपीय क्षेत्र IV में स्थित है, जो इसे भूकंप की दृष्टि से उच्च जोखिम वाला क्षेत्र बनाता है.

17 फरवरी को सुबह 5.38 बजे तेज गड़गड़ाहट के साथ आए भूकंप ने सबकुछ हिला दिया. शुक्र है कि ये भूकंप कुछ ही सेकेंड में खत्म हो गया. इसकी तीव्रता 4 थी लेकिन खतरनाक बात ये थी कि दिल्ली भूकंप का केंद्र बना. धौलाकुंआ को इस भूकंप का एपिसेंटर बताया गया. आखिर क्यों दिल्ली भूकंप का केंद्र बनी. और अगर दोबारा ऐसा हुआ और भूकंप कुछ सेकेंड या मिनट रुक गया तो क्या ये दिल्ली में तबाही लेकर आएगा.दिल्ली भूकंप का केंद्र इसलिए बनी क्योंकि ये भूगर्भीय रूप से एक सक्रिय क्षेत्र में है. दिल्ली के आसपास कई प्रमुख fault lines (भूकंपीय रेखाएं) हैं, इन्हें Himalayan Frontal Thrust और Delhi-Haryana Thrust के रूप में जाना जाता है. इन्हीं फाल्ट लाइन के कारण उत्तरी भारत में भूकंप गतिविधियां होती हैं.भूकंप का केंद्र वह बिंदु होता है जहां से भूकंप की ऊर्जा निकलती है. यह बिंदु जमीन के नीचे होता है, इसे एपिसेंटर कहा जाता है. एपिसेंटर के ठीक ऊपर जमीन पर स्थित बिंदु को भूकंप का केंद्र कहा जाता है. 2023 में भी दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. तब भी भूकंप का केंद्र दिल्ली में ही था. दिल्ली भूकंपीय क्षेत्र IV में स्थित है, जो इसे भूकंप की दृष्टि से उच्च जोखिम वाला क्षेत्र बनाता है.
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