महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (एमवीए) टूट की कगार पर! उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना ;यूबीटी लड़ेगी राज्य की सभी 288 सीटों पर !
कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने महाराष्ट्र के पार्टी नेताओं से कहा कि शिवसेना ऐसी सीटें मांग रही है, जहां मुस्लिम वोटर बड़ी संख्या में हों और जहां कांग्रेस का उम्मीदवार 100 फीसदी चुनकर आ सकते हैं.कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने स्पष्ट कहा, ''हम ये सीटें नहीं छोड़ेंगे और इन सीटों पर चर्चा अंत तक जारी रहेगी. लोकसभा में कांग्रेस के प्रदर्शन को देखते हुए कांग्रेस को ज्यादा से ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए और हम लेकर रहेंगे.'
महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (एमवीए) में सीट शेयरिंग को लेकर जंग छिड़ गई है. सूत्रों ने बताया कि उद्धव ठाकरे सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस से नाराज हैं और प्लान B पर भी काम कर रहे हैं. उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) की तैयारी सभी 288 सीटों पर है. यानि MVA में सीट शेयरिंग की बात नहीं बनी तो ठाकरे अपने बल पर चुनाव लड़ सकते हैं.
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या उद्धव ठाकरे कांग्रेस से दूर होते हैं तो क्या वो बीजेपी के साथ जाएंगे? वहीं कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि सीट शेयरिंग पर उद्धव ठाकरे के दवाब के आगे पार्टी नहीं झुकेगी.
सूत्रों ने बताया कि उद्धव ठाकरे बयानों से उनके कदमों का इशारा रविवार (20 अक्टूबर) को मिल गया था. सूत्रों ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी. संजय राउत ने भी अमित शाह से मुलाकात की थी. हालांकि ये स्पष्ट नहीं है कि किन मुद्दों पर चर्चा हुई.कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि जिस तरह से शिवसेना (यूबीटी) दवाब की रणनीति अपना रही है, उसे देखते हुए सीट आवंटन में देरी होगी. कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने महाराष्ट्र के पार्टी नेताओं से कहा कि शिवसेना ऐसी सीटें मांग रही है, जहां मुस्लिम वोटर बड़ी संख्या में हों और जहां कांग्रेस का उम्मीदवार 100 फीसदी चुनकर आ सकते हैं.कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने स्पष्ट कहा, ''हम ये सीटें नहीं छोड़ेंगे और इन सीटों पर चर्चा अंत तक जारी रहेगी. लोकसभा में कांग्रेस के प्रदर्शन को देखते हुए कांग्रेस को ज्यादा से ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए और हम लेकर रहेंगे.'' सूत्रों ने बताया कि एमवीए में महाराष्ट्र में करीब 20 से 25 सीटों पर पेंच फंसा हुआ है. इनमें ज्यादातर विदर्भ और मुंबई की सीटें हैं. शिवसेना (यूबीटी) विदर्भ की तीन सीटें चाहती है और इससे कम में तैयार नहीं है. राज्य के नेताओं से नाराजगी की वजह से अब शिवसेना (यूबीटी) केंद्र के शीर्ष कांग्रेसी नेताओं से बातचीत कर रही है.
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