वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट में कर सकती है देश के रियल एस्टेट सेक्टर को इंडस्ट्री का दर्जा देने का ऐलान
जिससे घर खरीदने वालों को राहत मिल सके. देश के बड़े शहरों में बढ़ती कीमतों का ध्यान रखते हुए किफायती आवास की परिभाषा बदलने की भी मांग की गई है ताकि सरकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सके. रियल एस्टेट सेक्टर की मांग स्टाम्प ड्यूटी में कटौती करने की भी है.

1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण फाइनेंशियल ईयर 2025-26 के लिए बजट पेश करने वाली हैं. इससे देश के रियल एस्टेट सेक्टर को बहुत उम्मीदें हैं ताकि विकास के नए रास्ते भी खुले और लंबे समय से आ रही चुनौतियों का भी समाधान हो सके. इस सेक्टर के कई बड़े लीडर्स ने रियल एस्टेट में ट्रांसफॉर्मेशन की उम्मीदें जताई हैं ताकि देश के आर्थिक विकास और हाउसिंग फॉर ऑल के सरकार के लक्ष्यों के साथ तालमेल बिठाया जा सके. इसके अलावा, रियल एस्टेट सेक्टर की लंबे समय से मांग है कि इसे भी उद्योग का दर्जा दिया जाए. इसी के साथ होम लोन पर टैक्स छूट को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की भी मांग है, जिससे घर खरीदने वालों को राहत मिल सके. देश के बड़े शहरों में बढ़ती कीमतों का ध्यान रखते हुए किफायती आवास की परिभाषा बदलने की भी मांग की गई है ताकि सरकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सके. रियल एस्टेट सेक्टर की मांग स्टाम्प ड्यूटी में कटौती करने की भी है.
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