गुयाना की संसद को संबोधित करते ही पीएम मोदी बन जाएंगे विदेशी संसदों में सबसे ज्यादा बार भाषण देने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री
इंदिरा गांधी ने विदेशी संसदों को चार बार संबोधित किया था, जबकि जवाहरलाल नेहरू ने तीन बार. राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी ने दो बार ऐसे भाषण दिए, वहीं मोरारजी देसाई और पीवी नरसिम्हा राव ने केवल एक बार किसी विदेशी संसद को संबोधित किया. गुयाना की संसद को संबोधित करते ही पीएम मोदी बन जाएंगे विदेशी संसदों में सबसे ज्यादा बार भाषण देने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को गुयाना की संसद के विशेष सत्र को संबोधित करेंगे. यह संबोधन उनकी बढ़ती वैश्विक स्वीकार्यता में एक और मील का पत्थर साबित होगा. इससे पहले उन्हें गुयाना के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'द ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस' से सम्मानित किया गया. पीएम मोदी का यह भाषण 14वां अवसर होगा जब वह किसी विदेशी संसद में भारत की ओर से बोलेंगे.प्रधानमंत्री मोदी को विदेशी संसदों में सबसे अधिक बार भाषण देने वाले भारतीय प्रधानमंत्री होने का गौरव प्राप्त है. यह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा सात विदेशी संसदों में दिए भाषणों की संख्या से दोगुना है. इंदिरा गांधी ने विदेशी संसदों को चार बार संबोधित किया था, जबकि जवाहरलाल नेहरू ने तीन बार. राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी ने दो बार ऐसे भाषण दिए, वहीं मोरारजी देसाई और पीवी नरसिम्हा राव ने केवल एक बार किसी विदेशी संसद को संबोधित किया. गुयाना की संसद को संबोधित करते ही पीएम मोदी बन जाएंगे विदेशी संसदों में सबसे ज्यादा बार भाषण देने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री
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