उत्तर प्रदेश में 2017 से 2025 तक 15 पत्रकारो की हुई निर्मम हत्या! पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी की हत्या में धान ख़रीद से लेकर भू माफिया के ख़िलाफ़ मुहिम तेज
इस दौरान 138 पत्रकारों पर हमले भी हुए हैं. पिछले साल अक्तूबर 2024 में फतेहपुर में एक पत्रकार दिलीप सैनी की भी हत्या की गई थी.अकेले 2020 में ही कुल सात पत्रकार राज्य में मारे गये- राकेश सिंह, सूरज पांडे, उदय पासवान, रतन सिंह, विक्रम जोशी, फराज़ असलम और शुभम मणि त्रिपाठी. उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ़ से आईजी प्रशांत कुमार ताज़ा घटना की जांच की निगरानी कर रहे हैं. एसटीएफ़ भी जांच पड़ताल में जुटी है.

उत्तर प्रदेश के सीतापुर ज़िला मुख्यालय से महोली कस्बा तकरीबन 22 किलोमीटर दूर है. यहां के विकासनगर मोहल्ले में पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी रहते थे, जिनकी 8 मार्च को हत्या कर दी गई.उनके परिवार में बूढ़े मां बाप हैं, पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं जबकि एक भाई की पहले ही मौत हो चुकी है.उनकी पत्नी पत्नी रश्मि वाजपेयी और पूरा परिवार भारी सदमे में है. पत्नी का कहना है कि उन्हें ईमानदारी की क़ीमत चुकानी पड़ी.पत्रकार की हत्या के ख़िलाफ़ सीतापुर की कई तहसीलों में प्रदर्शन भी हुआ है. प्रदेश के कई ज़िलों में पत्रकारों ने विरोध दर्ज कराया है.कमेटी अगेंस्ट असाल्ट ऑन जर्नलिस्ट के मुताबिक साल 2017 -2022 के बीच उत्तर प्रदेश में 12 पत्रकारों की हत्या हुई है.इस दौरान 138 पत्रकारों पर हमले भी हुए हैं. पिछले साल अक्तूबर 2024 में फतेहपुर में एक पत्रकार दिलीप सैनी की भी हत्या की गई थी.अकेले 2020 में ही कुल सात पत्रकार राज्य में मारे गये- राकेश सिंह, सूरज पांडे, उदय पासवान, रतन सिंह, विक्रम जोशी, फराज़ असलम और शुभम मणि त्रिपाठी. उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ़ से आईजी प्रशांत कुमार ताज़ा घटना की जांच की निगरानी कर रहे हैं. एसटीएफ़ भी जांच पड़ताल में जुटी है.
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