कर चोरी के खिलाफ आयकर शुरू करेगा बड़ा अभियान! 31 जुलाई तक बड़ी तलाशी और जब्ती की कार्रवाई के आदेश
कुल लक्ष्य का 60 प्रतिशत तलाशी और छापे जैसी घुसपैठ वाली पहलों के माध्यम से प्राप्त किया जाना चाहिए, जबकि 40 प्रतिशत गैर-घुसपैठ वाली जांच से आना चाहिए, जिसमें डेटा विश्लेषण और फाइनेंशियल इंटेलिजेंस जानकारी शामिल है. यह नया कदम एक व्यापक योजना के तहत उठाया गया है, जिसके तहत डेटा की सीमित उपलब्धता के कारण कर अधिकारियों की नजर से बच निकलने वाले दुर्ग्राही व्यवसायों को कर के दायरे में लाया जाएगा और देश के राजस्व संग्रह को बढ़ाया जाएगा.

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश दिया है कि वे काले धन और टैक्स चोरी के खिलाफ अभियान तेज करें. अनरिपोर्टेड और अंडर-रिपोर्टेड व्यवसायों को कर के दायरे में लाने के लिए एक समयबद्ध रणनीति बनाएं. सीबीडीटी ने आयकर विभाग के प्रत्येक क्षेत्राधिकार को 31 जुलाई तक कम से कम एक बड़ी तलाशी और जब्ती कार्रवाई करने को कहा गया है. इसके अलावा अगस्त 2025 से मार्च 2026 के बीच कम से कम दो अतिरिक्त तलाशी और जब्ती कार्रवाई करने के निर्देश हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सीबीडीटी को चालू वित्त वर्ष के दौरान 2.4 लाख करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता लगाने की उम्मीद है. एनडीटीवी प्रॉफिट की रिपोर्ट के अनुसार, बोर्ड ने निर्देश दिया है कि कुल लक्ष्य का 60 प्रतिशत तलाशी और छापे जैसी घुसपैठ वाली पहलों के माध्यम से प्राप्त किया जाना चाहिए, जबकि 40 प्रतिशत गैर-घुसपैठ वाली जांच से आना चाहिए, जिसमें डेटा विश्लेषण और फाइनेंशियल इंटेलिजेंस जानकारी शामिल है. यह नया कदम एक व्यापक योजना के तहत उठाया गया है, जिसके तहत डेटा की सीमित उपलब्धता के कारण कर अधिकारियों की नजर से बच निकलने वाले दुर्ग्राही व्यवसायों को कर के दायरे में लाया जाएगा और देश के राजस्व संग्रह को बढ़ाया जाएगा.
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