अमेरिका जाने की ख्वाहिश में लगा दिया आधी दुनिया का चक्कर! लाखो रूपए फूंक डाले फिर नही पंहुच पाया अमेरिका!
आईजीआई एयरपोर्ट की डीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार, सल्तान से पूछताछ में पता चला कि उसने यह फर्जी वीजा फतेहजीत सिंह के जरिए हासिल किए थे. वहीं, जब तक पुलिस फतेहजीत सिंह के पहुंचती, इससे पहले वह फरार हो गया. करीब पांच महीने की लंबी कवायद के बाद आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस को फतेहजीत सिंह के ठिकाने का पता चल गया. जिसके बाद उसे पंजाब के जालंधर से गिरफ्तार कर लिया गया. फतेहजीत सिंह ने पूछताछ में बताया कि इस काम के एवज में उसे 4 लाख रुपए मिले थे. आखिरी बार, फतेहजीत सिंह ने ही गुरप्रीत के लिए अल्माती का फर्जी वीजा अरेंज किया था, जिसके बाद उसकी पोल खुलकर सामने आ गई.
मन्नत’ के लिए एक शख्स ने न केवल आधी दुनिया का चक्कर लगा डाला, बल्कि लाखों रुपए पानी की तरफ बहा डाले, लेकिन फिर भी बात नहीं बनी. अपनी मन्नत के लिए यह शख्स हर बार एक नए देश का रुख करता, लेकिन हर बार उसके हाथ असफलता ही लगती. आखिरी बार असफलता हाथ लगने के बाद यह शख्स जब वह कज़ाकस्तान के अल्माटी से वापस दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचा, तो उसका एक ऐसा सच सामने आया, जिसने उसके सामने मुसीबतों का पहाड़ खड़ा कर दिया. अब इस शख्स का हश्र देखकर हर कोई सन्न है.दरअसल, यह मामला पंजाब के तरनतारन शहर में रहने वाले गुरप्रीत सिंह का है. गुरप्रीत की मन्नत थी कि वह किसी भी तरह अमेरिका पहुंच जाए. अपनी इस मन्नत को पूरी करने के लिए वह अपने गांव में रहने वाले सुल्तान सिंह नाम के एक शख्स से मिला. सुल्तान सिंह ने 50 लाख रुपए के एवज में गुरप्रीत को उसकी मन्नत पूरी करने का भरोसा दे दिया. भरोसा मिलने के बाद गुरप्रीत ने 10 लाख रुपए बतौर पेशगी सुल्तान सिंह को सौंप दिए. बाकी की रकम अमेरिका पहुंचने के बाद देने की बात तय हुई. रुपए मिलने के बाद सुल्तान ने कतर का वीजा और टिकट गुरप्रीत को सौंप दी.जांच में यह बात सामने आई है कि कतर पहुंचने के बाद सुल्तान के एक साथी ने उसके पासपोर्ट पर ब्राजील का फर्जी वीजा लगा दिया और पासपोर्ट के कुछ पेज फाड़. जिसकी वजह से कतर एयरपोर्ट से उसे आगे जाने की इजाजत नहीं दी गई और उसे भारत के लिए डिपोर्ट कर दिया गया. पुलिस की पूछताछ में यह बात भी सामने आई है कि गुरप्रीत सिंह इससे पहले चार बार अलग अलग रास्तों से अमेरिका जाने की कोशिश कर चुका है. इस खुलासे के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर सुल्तान की तलाश शुरू कर दी. कुछ ही दिनों की कवायद के बाद सुल्तान को पंजाब के अमृतसर से गिरफ्तार कर लिया गया. दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल थ्री के बाहर खड़े चार लोगों लगातार फोन पर बात किए जा रहे हैं. फोन पर लगातार यही बातचीत इन चारों के लिए मुसीबत बन गई. इन मामले में इन चारों सहित अब तक कुछ आठ गिरफ्तारियां हो चुकी है. क्या है पूरा मामला, जानने के लिए क्लिक करें.
आईजीआई एयरपोर्ट की डीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार, सल्तान से पूछताछ में पता चला कि उसने यह फर्जी वीजा फतेहजीत सिंह के जरिए हासिल किए थे. वहीं, जब तक पुलिस फतेहजीत सिंह के पहुंचती, इससे पहले वह फरार हो गया. करीब पांच महीने की लंबी कवायद के बाद आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस को फतेहजीत सिंह के ठिकाने का पता चल गया. जिसके बाद उसे पंजाब के जालंधर से गिरफ्तार कर लिया गया. फतेहजीत सिंह ने पूछताछ में बताया कि इस काम के एवज में उसे 4 लाख रुपए मिले थे. आखिरी बार, फतेहजीत सिंह ने ही गुरप्रीत के लिए अल्माती का फर्जी वीजा अरेंज किया था, जिसके बाद उसकी पोल खुलकर सामने आ गई.
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