तेजस्वी ही गए थे हाईकोर्ट अब उनकी वजह से ही खाली करना पड़ेगा उनकी माता और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को सरकारी आवास 10ए सर्कुलर रोड
2017 में NDA सरकार बनने पर तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम पद से हटना पड़ा था. इसके साथ ही उन्हें आवंटित सरकारी आवास 5, देशरत्न मार्ग खाली करने का नोटिस मिला. तेजस्वी इस बंगले में काफी खर्च कर चुके थे और विपक्ष के नेता रहते इसी घर में रहना चाहते थे. उन्होंने फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की.
बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में बन चुकी नई NDA सरकार कामकाज संभालते ही प्रशासनिक फैसलों पर तेजी दिखा रही है. इसी कड़ी में मंगलवार शाम भवन निर्माण विभाग ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को उनका सरकारी आवास 10, सर्कुलर रोड खाली करने का नोटिस जारी कर दिया. विभाग ने अब उन्हें 39, हार्डिंग रोड वाला आवास आवंटित किया है, जो आगे चलकर उनका नया सरकारी ठिकाना होगा. भवन निर्माण विभाग के आदेश में साफ लिखा है कि 'नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधान परिषद के लिए पटना केंद्रीय पूल का आवास संख्या-39, हार्डिंग रोड आवंटित किया जाता है.' इसका मतलब यह है कि लालू-राबड़ी परिवार को अब 10 सर्कुलर रोड स्थित बंगला खाली करना ही होगा.राबड़ी देवी का बंगला खाली कराए जाने की वजह सिर्फ राजनीतिक बदलाव नहीं है, इसकी शुरुआत 2017 की एक कानूनी लड़ाई से होती है, जो तेजस्वी यादव की जिद से शुरू हुई थी. 2017 में NDA सरकार बनने पर तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम पद से हटना पड़ा था. इसके साथ ही उन्हें आवंटित सरकारी आवास 5, देशरत्न मार्ग खाली करने का नोटिस मिला. तेजस्वी इस बंगले में काफी खर्च कर चुके थे और विपक्ष के नेता रहते इसी घर में रहना चाहते थे. उन्होंने फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की. हाईकोर्ट ने तेजस्वी की याचिका न सिर्फ खारिज की, बल्कि उससे भी बड़ा फैसला दिया.अदालत ने अपने फैसले में पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन बंगला, सुरक्षा स्टाफ और अन्य सुविधाएं देने की व्यवस्था खत्म कर दी. यही फैसला अब 2025 में प्रभावी हुआ है. अगर तेजस्वी 2017 में हाईकोर्ट न गए होते, तो पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते राबड़ी देवी 10 सर्कुलर रोड में बनी रह सकती थीं. तेजस्वी के फैसले के बाद ही कोर्ट ने सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों की विशेष सुविधाओं पर अंकुश लगाने का फैसला सुनाया था.
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