मलेशिया के तीसरे सबसे धनी व्यक्ति आनंद कृष्णन का निधन! इकलौता बेटा बन गया बौद्ध भिक्षु! कौन संभालेगा 4000 करोड़ रूपए की संपत्ति

आनंद कृष्णन (AK) के इकलौते बेटे वेन अजान सिरीपान्यो (Ven Ajahn Siripanyo) ने 18 साल की उम्र में 40000 करोड़ की संपत्‍त‍ि की विरासत को छोड़ द‍िया. अपने इस फैसले के साथ उन्‍होंने सांसारिक जीवन त्याग कर बौद्ध भिक्षु बनने का फैसला कर सभी को चौंका दिया. सिरीपान्यो का यह फैसला थाईलैंड में एक अस्थायी प्रवास से शुरू हुआ था. आज, दो दशक से ज्‍यादा समय बाद वह थाईलैंड-म्यांमार बॉर्डर के पास स्थित दताओ डम मठ के अध्यक्ष हैं. मलेशिया के तीसरे सबसे धनी व्यक्ति आनंद कृष्णन का निधन! इकलौता बेटा बन गया बौद्ध भिक्षु! कौन संभालेगा 4000 करोड़ रूपए की संपत्ति

Nov 29, 2024 - 16:33
मलेशिया के तीसरे सबसे धनी व्यक्ति आनंद कृष्णन का निधन! इकलौता बेटा बन गया बौद्ध भिक्षु! कौन संभालेगा 4000 करोड़ रूपए की संपत्ति

मलेशिया के सबसे अमीर लोगों में से एक आनंद कृष्णन (AK) का 86 साल की उम्र में न‍िधन हो गया. उनके कारोबारी साम्राज्य में टेलीकॉम, सेटेलाइट, मीडिया, ऑयल, गैस और रियल एस्टेट शामिल है. उनके न‍िधन से जुड़ी जानकारी उनकी प्राइवेट इनवेस्‍टमेंट फर्म, उसाहा तेगास के एक बयान में दी गई. उनका इकलौता बेटा वेन अजान सिरीपान्यो (Ven Ajahn Siripanyo) प‍िछले द‍िनों उस समय सुर्खियों में था, जब उन्होंने 18 साल की उम्र में 5 बिलियन डॉलर की विरासत छोड़कर बौद्ध भिक्षु बनने का फैसला क‍िया. अब मीड‍िया में यह चर्चा चल रही है क‍ि उनकी 40000 करोड़ रुपये की संपत्‍त‍ि को कौन संभालेगा?उसाहा तेगास की तरफ से बताया गया क‍ि एके (AK) ने राष्ट्र निर्माण और कॉर्पोरेट जगत में अहम योगदान दिया है. उनके परोपकारी कदम ने कई लोगों के जीवन में रोशनी दी है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार अक्‍सर एके के नाम से पहचाने जाने वाले कृष्णन, मलेशिया के तीसरे सबसे अमीर शख्‍स थे. उनकी कुल संपत्ति 40,000 करोड़ रुपये (5 बिलियन अमेरिकी डॉलर) से ज्‍यादा थी. अपनी कॉर्पोरेट उपलब्धियों के साथ ही वह एक बेहद परोपकारी शख्‍स थे. आनंद कृष्णन (AK) के इकलौते बेटे वेन अजान सिरीपान्यो (Ven Ajahn Siripanyo) ने 18 साल की उम्र में 40000 करोड़ की संपत्‍त‍ि की विरासत को छोड़ द‍िया. अपने इस फैसले के साथ उन्‍होंने सांसारिक जीवन त्याग कर बौद्ध भिक्षु बनने का फैसला कर सभी को चौंका दिया. सिरीपान्यो का यह फैसला थाईलैंड में एक अस्थायी प्रवास से शुरू हुआ था. आज, दो दशक से ज्‍यादा समय बाद वह थाईलैंड-म्यांमार बॉर्डर के पास स्थित दताओ डम मठ के अध्यक्ष हैं. मलेशिया के तीसरे सबसे धनी व्यक्ति आनंद कृष्णन का निधन! इकलौता बेटा बन गया बौद्ध भिक्षु! कौन संभालेगा 4000 करोड़ रूपए की संपत्ति

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