आसान नही मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाना! ऑर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के नियमों में करने होंगे बड़े बदलाव
औरंगजेब के कब्र के मामले में चूंकि महाराष्ट्र सरकार इच्छा व्यक्त कर चुकी है तो महाराष्ट्र सरकार को ASI या फिर संस्कृति मंत्रालय के नाम औरंगजेब की कब्र को संरक्षित सूची से हटाने का प्रपोजल देना होगा. राज्य सरकार से प्रपोजल मिलने के बाद या तो केंद्र सरकार का संस्कृति मंत्रालय सेक्शन-35 के तहत गैजेट नोटिफिकेशन जारी करके औरंगजेब की कब्र को संरक्षित स्मारक की सूची से हटा सकता है या फिर मामले पर पुरातत्व, इतिहास समेत अन्य मामलों के विशेषज्ञों की कमेटी बना कर उनकी रिपोर्ट के आधार पर फैसला ले सकता है.

छत्रपति संभाजी पर बॉलीवुड फिल्म "छावा" के रिलीज होने के बाद से महाराष्ट्र में लगातार मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग चल रही है. जहां एक तरफ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के खुल्दाबाद इलाके में मौजूद औरंगजेब की कब्र को हटाने की इच्छा व्यक्त कर चुके हैं तो महाराष्ट्र के हिंदूवादी संगठनो ने कब्र को हटाने के लिए बाबरी स्टाइल में कारसेवा की चेतावनी दी है. ऐसे में अब औरंगजेब की कब्र के बाहर भारी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया है. इन सब के बीच बड़ा सवाल यह है कि क्या औरंगजेब की कब्र को हटाना इतना आसान है? तो इसका जवाब 'न' में है क्योंकि यह संरचना ऑर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) संरक्षित है और वक्फ की संपत्ति भी. ऐसे में राज्य सरकार को इसे हटाने में कई कानूनी अड़चनों का सामना करना पड़ेगा. ASI के नियमों के मुताबिक, उसके द्वारा संरक्षित किसी भी स्मारक को संरक्षण सूची से हटाने के लिए राज्य सरकार, ASI का सर्किल जिस पर स्मारक के संरक्षण का जिम्मा है या फिर किसी अन्य सरकारी संस्था में से किसी एक को कारणों के साथ ASI या फिर सरकार को AMASR Act के सेक्शन-35 के तहत एक प्रपोजल देना होगा कि उनके द्वारा नामित स्मारक जो ASI की संरक्षण सूची में है उसे संरक्षण की सूची से हटाए जाए. औरंगजेब के कब्र के मामले में चूंकि महाराष्ट्र सरकार इच्छा व्यक्त कर चुकी है तो महाराष्ट्र सरकार को ASI या फिर संस्कृति मंत्रालय के नाम औरंगजेब की कब्र को संरक्षित सूची से हटाने का प्रपोजल देना होगा. राज्य सरकार से प्रपोजल मिलने के बाद या तो केंद्र सरकार का संस्कृति मंत्रालय सेक्शन-35 के तहत गैजेट नोटिफिकेशन जारी करके औरंगजेब की कब्र को संरक्षित स्मारक की सूची से हटा सकता है या फिर मामले पर पुरातत्व, इतिहास समेत अन्य मामलों के विशेषज्ञों की कमेटी बना कर उनकी रिपोर्ट के आधार पर फैसला ले सकता है.
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