जगुआरजेट फाइटर क्रैश में शहीद हुए पायलट सिद्धार्थ यादव की मंगेतर ताबूत पर गिरते आंसूओं को देख हर किसी की आंखे हुई नम!
पूरा गांव भी अपने लाड़ने को अंतिम विदाई देने के लिए उमड़ा हुआ है. लोग उनके अमर होने के उद्घोष लगा रहे हैं और लेफ्टिनेंट पायलट सिद्धार्थ यादव अनंत की यात्रा पर निकल चुके हैं. उनके हिस्से में 28 साल ही जिदंगी ही लिखी थी. कम उम्र में भी वह अपना नाम अजर उमर कर गए. अब उनकी कहानियां सुनाई जाएंगी.

गुजरात के जाम नगर में हुए जगुआरजेट फाइटर क्रैश में हरियाणा के रेवाड़ी के गांव भालखी माजरा के 28 साल के पायलट सिद्धार्थ यादव शहीद हो गए. शुक्रवार को उनका पार्थिव शरीब उनके गांव पहुंचा और यहां पर उन्हें सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. अपने मंगेतर को विदाई देने के लिए सोनिया भी मौके पर पहुंचे और उनके शव के पास रोती रही. गौरतलब है कि 23 मार्च को ही सिद्धार्थ और सोनिया की सगाई हुई थी और आने वाले दो नवंबर 2025 को उनकी शादी होनी थी. हालांकि, मां और पिता का बेटे को सेहरे में देखने का सपना टूट गया बेबी तू आया नहीं मुझे लेने…तू बोल कर गया था कि मैं तुझे लेने आऊंगा’. शहीद पायलट सिद्धार्थ के पार्थिव शरीर के आगे उनकी मंगेतर सोनिया बार-बार यही कह रहा है. शहीद के ताबूत पर बरबस उनके आंसू गिर रहे हैं और साथ खड़े वायुसेना के जवान भी सोनिया की चीख पुकार देखकर अपने आंसू रोक नहीं पा रहे हैं. हर किसी की आंख नम है. लेकिन, अब सिदार्थ यादव दुनिया को अलविदा कह चुके हैं. मां से लेकर पिता और रिश्तेदार, सबकी आंखें नम हैं.
पूरा गांव भी अपने लाड़ने को अंतिम विदाई देने के लिए उमड़ा हुआ है. लोग उनके अमर होने के उद्घोष लगा रहे हैं और लेफ्टिनेंट पायलट सिद्धार्थ यादव अनंत की यात्रा पर निकल चुके हैं. उनके हिस्से में 28 साल ही जिदंगी ही लिखी थी. कम उम्र में भी वह अपना नाम अजर उमर कर गए. अब उनकी कहानियां सुनाई जाएंगी.
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