बिहार के राजघराने में संपत्ति को लेकर राजा और रानी के बीच खींच गई तलावार!

अब बची बाकी सम्पति पर रानी की टेढ़ी नज़र है. वहीं रानी सरिता शाह का दावा है कि उन्हें पूर्व में राजा द्वारा काफी प्रताड़ित किया गया, जिस कारण वे अपने मायके चली गईं थीं. सरिता का कहना है कि जब 2017 में आई तो राजा और वर्तमान रानी के द्वारा उन्हें नजरबंद कर दिया गया. इसके बाद वे अपनी जान बचाकर भाग गईं. अब पुनः पुलिस अभिरक्षा में मीडिया कर्मियों की मौजूदगी में राजदरबार में स्थाई तौर पर रहने आई हूं क्योंकि यह उनका घर है. वे यहां की महारानी हैं. 

Oct 7, 2024 - 16:11
बिहार के राजघराने में संपत्ति को लेकर राजा और रानी के बीच खींच गई तलावार!

बिहार के राजघरानों में हीरे जवाहरात को लेकर मशहूर रामनगर राजघराना अब राजा रानी के विवाद को लेकर सुर्खियों में है. राजघराने की रानी तकरीबन 32 वर्षों बाद अपने हक हकुक और विरासत की दावेदारी को लेकर राज दरबार लौटी हैं. पुलिस अभिरक्षा में महारानी को राजदरबार ले जाया गया लेकिन राजा संजय विक्रम शाह अब रानी सरिता शाह को राजमहल में रखने को तैयार नहीं हैं. आखिर क्या है पूरा मामला, आपको इस रिपोर्ट में विस्तार से बताते हैं.बताया जा रहा है कि नेपाल सीमा पर स्थित बगहा के रामनगर राज दरबार में राजा और रानी के बीच का विवाद गहराता जा रहा है. तक़रीबन 40 वर्षों पूर्व रामनगर राजघराने के बड़े राजा संजय विक्रम शाह की शादी उतर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की राजकुमारी सरिता शाह के साथ हुई थी. जिसके बाद दंपति ने 2 बेटे और 2 बेटियों को जन्म दिया. इसी बीच आपसी मतभेद और निजी संबंधों में आईं खटास की वजह से सरिता शाह और संजय विक्रम शाह की राहें जुदा हो गईं और रानी पति- बच्चों को छोड़कर चली गईं. उसी बीच सरिता रानी पर इधर उधर रहने समेत कई आरोप लगाकर संजय विक्रम शाह ने दूसरी शादी क़र ली. वहीं सरिता शाह ने राजा संजय विक्रम शाह पर उनके साथ मारपीट कर हवेली से बेदखल करने का आरोप लगाया. बाद में संजय शाह सरिता को कोर्ट के जरिये तलाक़ देने की अर्ज़ी लगाई. फिर मामला सक्षम न्यायालय में चला गया और कोर्ट ने तत्काल तलाक पर रोक लगाकर सरिता शाह को मासिक खर्च देने का संजय विक्रम शाह को आदेश दिया. 
इसके बाद संजय विक्रम शाह रानी को मासिक खर्चा देते आ रहे थे. साथ ही दोनों बेटों और बेटियों की पढ़ाई लिखाई, परवरिश के साथ शादी विवाह तक की सारी जिम्मेदारी निभाईं. संजय शाह की मानें तो इन सब के बीच सरिता शाह ने कभी घर की ओर मुड़कर नहीं देखा. हालांकि 2017 में वो कुछ दिनों के लिए राजघराने में जरूर आईं और जमीनें बेच डालीं. यहां तक की कई खजानों की हेरा फेरी भी. वहीं अब एक बार फिर रानी सरिता अपने हक-हकूक और संपत्ति की रक्षा करने का हवाला देकर राजघराने में स्थाई तौर पर रहनें आईं हैं.ब इतने वर्षों बाद रानी को अपना परिवार याद आ रहा है तो उन्हें किस अवस्था में यहां रहने दें, यह एक बड़ा सवाल है.  राजा संजय शाह ने आरोप लगाया कि कुछ दबंगों के साथ मिलकर राज दरबार की कई एकड़ जमीन बेच चुकी हैं और अब बची बाकी सम्पति पर रानी की टेढ़ी नज़र है. वहीं रानी सरिता शाह का दावा है कि उन्हें पूर्व में राजा द्वारा काफी प्रताड़ित किया गया, जिस कारण वे अपने मायके चली गईं थीं. सरिता का कहना है कि जब 2017 में आई तो राजा और वर्तमान रानी के द्वारा उन्हें नजरबंद कर दिया गया. इसके बाद वे अपनी जान बचाकर भाग गईं. अब पुनः पुलिस अभिरक्षा में मीडिया कर्मियों की मौजूदगी में राजदरबार में स्थाई तौर पर रहने आई हूं क्योंकि यह उनका घर है. वे यहां की महारानी हैं. 

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