पटना में एक बड़े साइबर क्राइम की बड़ी घटना! उड़ा दिये करोड़ो रूपए
एसबीआई में ही उन्होंने कई एफडी कर रखी थी. अब तक जांच में मालूम हुआ कि हैदराबाद के पांच बैंक खातों में महिला प्रोफेसर के अकाउंट से रुपये भेजे गए थे. साइबर थाने की पुलिस जांच में जुट गई है. थानेदार सह डीएसपी राघवेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि जिन खातों में रकम भेजी गई थी, उनके धारकों का पता लगाया जा रहा है. रुपये पश्चिम बंगाल की ट्रेवल एजेंसी और निर्माण कंपनी के साथ ही अहमदाबाद और कर्नाटक स्थित बैंकों के खाते में भेजे गए हैं. पांच नवंबर से सात नवंबर तक एक तरह से महिला को डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया था. पटना में एक बड़े साइबर क्राइम की बड़ी घटना! उड़ा दिये करोड़ो रूपए
बिहार की राजधानी पटना में एक बड़े साइबर क्राइम की घटना को अंजाम दिया गया है. पटना के कदमकुआं की रहने वाली पटना यूनिवर्सिटी की रिटायर महिला प्रोफेसर ज्योति वर्मा (78 साल) से साइबर ठगों ने दो सप्ताह में 3.07 करोड़ रुपये ठग लिए. डिजिटल अरेस्ट करके रखा गया. वीडियो कॉल पर ही सोना, खाना और बैंक जाकर फिक्स डिपॉजिट तोड़कर ठगों के बताए गए खाते में चेक के माध्यम से कई बार में उन्होंने पैसे भेजे. इस तरह तीन करोड़ से अधिक का चूना लगा है. इस मामले में शिकायत दर्ज कराई गई है.
रिटायर्ड महिला प्रोफेसर के पति का निधन हो चुका है. वे अकेले ही रहती हैं. पांच नवंबर को दोपहर 12 बजे के आसपास उन्हें एक नंबर से फोन आया था. कॉल करने वाले ने कहा कि उन्होंने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का क्रेडिट कार्ड अप्लाई किया था, जिससे एक लाख 15 हजार 430 रुपये खर्च हो चुके हैं. उन पर एफआईआर दर्ज की गई है, क्योंकि ये रकम मनी लॉन्ड्रिंग के लिए भेजी गई थी. यह सुनकर बुजुर्ग महिला के होश उड़ गए. वे घबरा गईं. फिर खेल यहीं से शुरू होता है. महिला ने कहा कि उन्होंने कोई कार्ड अप्लाई नहीं किया है. फोन करने वाले ने सीनियर से बात कराई. कहा गया है कि इस केस को नरेश गोयल देख रहे हैं. वे सीबीआई के फ्रॉड ग्रुप के इंचार्ज हैं. अब आप संदिग्ध हैं. फिर क्या था महिला को इस तरह झांसा में लेकर डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया. कॉल पर आए दूसरे व्यक्ति ने फोन पर ही अरेस्ट वारंट भेजा.
फोन करने वाले सीनियर ने कहा कि यह केस सीरियस है. आप किसी को बताइएगा नहीं, वरना पूरे परिवार पर जान का खतरा हो जाएगा. उसने कहा कि आपको सारे पैसे सुप्रीम कोर्ट भेजने होंगे, जिसकी निगरानी में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जांच की जाएगी. महिला से कहा गया कि आपको घर पर ही कैद रखा जा रहा है. आपके घर की निगरानी हमारा आदमी करेगा. उसका नाम आनंद है. महिला को आनंद नाम के लड़के का मोबाइल नंबर दिया गया. कहा गया कि आपके पास ब्लैकमनी है या नहीं, इसकी जांच की जा रही है. यदि बिना अनुमति उन्होंने कहीं कॉल किया या घर से बाहर निकलीं तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया उनकी सारी संपत्ति जब्त कर लेगा.
ठगों के झांसे में आने के बाद महिला प्रोफेसर ने अपनी एफडी तक को तोड़ दिया. वीडियो कॉल पर ही साइबर ठगों से अनुमति लेकर वह बैंक जातीं और आरटीजीएस से रुपये भेजती थीं. ठगों ने महिला से कहा कि आपके नाम से हैदराबाद के केनरा बैंक में खाता खुला है. हालांकि, उनका खाता एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, इंडियन बैंक और एसबीआई में है. एसबीआई में ही उन्होंने कई एफडी कर रखी थी. अब तक जांच में मालूम हुआ कि हैदराबाद के पांच बैंक खातों में महिला प्रोफेसर के अकाउंट से रुपये भेजे गए थे. साइबर थाने की पुलिस जांच में जुट गई है. थानेदार सह डीएसपी राघवेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि जिन खातों में रकम भेजी गई थी, उनके धारकों का पता लगाया जा रहा है. रुपये पश्चिम बंगाल की ट्रेवल एजेंसी और निर्माण कंपनी के साथ ही अहमदाबाद और कर्नाटक स्थित बैंकों के खाते में भेजे गए हैं. पांच नवंबर से सात नवंबर तक एक तरह से महिला को डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया था. पटना में एक बड़े साइबर क्राइम की बड़ी घटना! उड़ा दिये करोड़ो रूपए
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